Class 10 Geography CHAPTER 3 जलमण्डल Madhyamik WBBSE

3.जलमण्डल


ATR Institute
West Bengal Board of Secondary Education (WBBSE)

Notes for:-

CLASS 10 (MADHYAMIK)

GEOGRAPHYCHAPTER-3

3.जलमण्डल

विभाग-ख

2.3.42 भूमण्डलीय तापन में किस हरित गृह गैस की भूमिका सर्वोच्च रहती है?
उत्तर: कार्बन डाई आक्साइ
 
। 2.3.43. अंध महासागर के एक धारा का नाम बताओ। 
उत्तर: गल्फस्ट्रीम, फ़ॉकलैंड धारा।

 2.3.44. विभिन्न महासागरीय धराओं के अनुवर्ती प्रवाह के कारण उत्पन्न जल के चक्रीय गति को क्या कहते हैं?
उत्तर:धारा चक्र।

2.3.45. जब उष्ण एवं शीतल सागरीय धाराएँ आपस में मिलती हैं तो किस प्रकार की मौसमी दशा विद्यमान रहती है।
उत्तर: कुहरा छाया रहता है। 

2.3.46. सागरीय लहरों की उत्पत्ति में सागर की उनमुक्तता क्या है ?
 उत्तर: बाह्य कारणों जैसे अत्यधिक वर्षा, वाष्पीकरण, हिम के पिघलने, विशाल नदियों के सागर में मिलने वाली वृद्धि या कमी आदि के कारण सागर के जल तल में उत्पन्न असमानता के कारण सागरीय लहरों की उत्पत्ति को सागर की उन्मुक्तता के कारण लहरों की उत्पत्ति कहते हैं।

2.3.47. प्राथमिक ज्वार उत्पन्न होने का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर: चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल।

2.3.48. दो उच्च ज्वारों के बीच समय का अन्तर कितना रहता है ?
उत्तर: 24 घंटे 52 मिनट। 

2.3.49. एल-निनो का क्या अर्थ है ? 
उत्तर: क्रिसमस के बच्चे की धारा।

2.3.50.किस महासागर में बेंगुला धारा पायी जाती है ?
उत्तर:अटलांटिक महासागर में।

2.3.51.लहरों से महासागरीय जल में किस प्रकार गति होती है ?
उत्तर:दोलनात्मक गति (Oscillatory movement)। 
2.3.52.किस गति के कारण सागरीय जल में आवर्ती चढ़ाव तथा उतार होता है ?
 उत्तर :ज्वार-भाटा (Tides)

2.3.53.उत्तरी गोलार्द्ध में महासागरीय धाराएं किस दिशा में चक्र बनाती है ?
 उत्तर:घड़ीवत (Clock-wise)।

2.3.54. तेज गति से चलनेवाली धाराओं को क्या कहते हैं ?
उत्तर:  स्रोत या स्ट्रीम (Stream)।

 2.3.55. ज्वार-भाटा का मुख्य कारक क्या है ?
उत्तर: चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल।

 2.3.56. चन्द्रकला के किस चरण में लघु ज्वार उत्पन्न होता है ?
उत्तर: दोनों पक्षों के अष्टमी के दिन।

2.3.57.किसी स्थान पर एक दिन में कितने बार ज्वार-भाटा आते हैं?
उत्तर:दो बार।

2.3.58. हुगली नदी के मुहाने पर उत्पन्न होनेवाली ज्वारीय भित्ति का क्या नाम है ?
उत्तर: बान।

2.3.59. अप्रत्यक्ष ज्वार किस बल द्वारा अधिक प्रभावित होता है ?
उत्तर:केन्द्रापसारी ढाल द्वारा

2.3.60. भारत के किस नदी में ज्वारीय भित्ति बनता है ? 
उत्तर:हुगली नदी में ।

2.3.61. भारत के खारे पानी की झील कौन सा है ?
उत्तर: सांभर झील ।

2.3.62. भारत का एक ज्वारीय नदी कौन सी है? 
उत्तर: हुगली नदी ।

विभाग-ग

3.67.] युति-वियुति क्या है?
उत्तर : युति-वियुति (Syzygy): पूर्णिमा और अमावस्या को सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सरल रेखा में होते हैं, अतः सम्मिलित गुरुत्वाकर्षण से उच्चतम ज्वार का निर्माण होता है। इन दोनों दिनों ज्वार की ऊँचाई सामान्य दिनों की  ऊँचाई से 20% अधिक होती है। इस स्थिति को सिजिगी कहते हैं। |
 3.68. ठण्डी दिवाल (Cold Wall) क्या है ?
उत्तर : संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर शीतल पछुवा हवाओं के प्रभाव से केप हेटरास के पास गल्फ स्ट्रीम की गर्म धारा पूर्व की ओर मुड़कर तट से दूर चली जाती है। गल्फस्ट्रीम की गर्म धारा उच्च तापमान की जलराशि उत्तर की ओर लाती है। उत्तरी अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी तट पर न्यूफाउलण्डलैण्ड के पास की ठण्डी जलधारा का जल रहता है जिसका तापमान 8°C से 11°C रहता है। दो विभिन्न तापक्रम एवं खारेपन की धाराएँ विपरीत दिशाओं में प्रवाहित होती है, अतः शीतल दीवाल का निर्माण करती है।

| 3.69. सारगासो समुद्र का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर : सारगैसो सागर की उत्पत्ति : उत्तरी अटलांटिक महासागर के मध्य में धाराओं का एक गोलाकार क्रम उत्पन्न होता जाता है। इसके मध्य में शांत एवं स्थिर जल पाया जाता है। शांत एवं स्थिर जल वाला यह क्षेत्र 'सारगैसो सागर' कहलाती है। इस क्षेत्र में उच्च तापमान के कारण घास स्वतः ही उग जाती है। पृथ्वी पर अन्यत्र ऐसा विचित्र सागर कही नहीं पाया जाता है।

3.70. मत्स्य तट (Fishing Bank) क्या है ? 
उत्तर : मत्स्य तट (Fishing Bank) : स्वच्छ जल एवं प्लैंकटन को उपस्थिति के कारण जिस भाग से मछली पकड़ी जाती है, उस क्षेत्र को मत्स्य तट  या क्षेत्र कहा जाता है। जैसे- डोगर बैंक, ग्रौण्ड बैंक। 

13.71. कयाल क्या है ?
 उत्तर : कयाल शब्द मलयालम भाषा से लिया गया है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित लैगून झील को कयाल कहा जाता है।

| 3.72. | गाइर क्या है ? 
उत्तर : महासागरीय धाराओं के वृहद चक्रीय प्रवाह को गाइर कहते हैं। इसकी उत्पत्ति भूमण्डलीय पवन प्रतिरूप तथा कोरियोलिस बल के कारण होती है। इनकी दिशा उत्तरीय गोलार्द्ध में घड़ीवत तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अघडीवत होती है।

13.73. दीर्घ ज्वार (Spring Tide) क्या है ? 
उत्तर : दीर्घ या वृहद् ज्वार (Spring Tide): जब सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य और चन्द्रमा की सम्मिलित शक्ति से समुद्री जल अर्थात ज्वार ऊँचा उठ जाता है । इसे दीर्घ ज्वार कहते हैं। यह स्थिति महीने में दो बार पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन आती है।

13.74. लघु ज्वार (Neap Tide) क्या है ?
 उत्तर : लघु ज्वार (Neap Tide) : शुक्ल अथवा कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन चन्द्रमा और सूर्य पृथ्वी के साथ परस्पर समकोण की स्थिति में होते हैं । अत: उनकी ज्वार-उत्पादक शक्तियाँ एक-दूसरे की विपरीत दिशा में कार्य करती हैं जिनसे ज्वार सामान्य ज्वार से कम ऊँचा तथा भाटा सामान्य भाटा से कम नीचा रहते हैं इसे लघु ज्वार(Neap Tide) कहते हैं।

13.75. ग्रैंड बैंक (Grand Bank) क्या है ?
उत्तर : ग्रैण्ड बैंक गर्म और ठण्डी जलधारा के मिलने से ग्रैण्ड बैंक पर प्लैकटन पायी जाती है। यहां उत्तम बन्दरगाह विकसित है। जंगलों से मत्स्य व्यापार को सहायता मिलती है। साथ ही ठण्डी जलवायु में मछलियाँ लम्बे समय तक संरक्षित रहती हैं। यही कारण है कि ग्रैण्ड बैंक मछलियों को पकड़ने के लिए काफी मशहूर है। इस प्रकार समशीतोष्ण जलवायु, उथला समुद्र एवं प्लैंकटन की उपलब्धता से ग्रैण्ड बैंक मुख्य मत्स्यागार है।

3.76.उपभू एवं अपभू से क्या समझते हो?
 उत्तर : उपभू तथा अपभू ज्वार : चन्द्रमा अपनी अण्डाकार कक्ष के सहारे पृथ्वी की परिक्रमा करता है। अतः पृथ्वी व चन्द्रमा के बीच की दूरी सदा समान नहीं रहती है। जब चन्द्रमा पृथ्वी के निकटतम होता है, तो उसे चन्द्रमा की उपभू स्थिति कहते है। इस स्थिति में चन्द्रमा की ज्वार उत्पादक शक्ति सबसे अधिक होती है जिससे सामान्य ज्वार से20% तक ऊँचा ज्वार आता है। इसे उपभू-ज्वार कहते हैं। इसके विपरीत जब चन्द्रमा पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर होता है तो उसे अपभू ज्वार कहते हैं। जब कभी लघु ज्वार एवं उपभू ज्वार एक साथ आते हैं, तो ज्वार की ऊँचाई अत्यंत कम हो जाती है।

3.77. भूमि स्खलन (Land fall) क्या है ? 
उत्तर भूस्खलन Landfall) :- चट्टानों के चूर्ण के सामूहिक स्थान्तरण की विधियों में भूमि स्खलन सबसे महत्वपूर्ण विधि है।

13.78. कॉरिऑलिस बल क्या है? अथवा कॉरिऑलिस का नियम क्या है?
उत्तर : कॉरिऑलिस बल (Coriolis Force): पवनें सामान्यत: उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती हैं, किन्तु पृथ्वी की दैनिक गति के कारण ये पवनें अपनी मूल दिशा में विक्षेपित (Deflect) हो जाती है। फ्रांसीसी वैज्ञानिक G.G. Coriolis ने 1835 ई० में इस बल के प्रभाव का खोज किया। इसलिए इसे कारिऑलिस बल या कारिऑलिस का नियम भी कहा जाता है।

| 3.79. सागरीय लहरों से आप क्या समझते हैं ? 
उत्तरः लहरें या तरंगें (Waves) : सागरीय जल के क्रमिक उत्थान और पतन को लहर कहते हैं । अथवा महासागरीय सतह की दौलायमान गति को तरंग कहते है।

 3.80. ज्वार-भाटा से आप क्या समझते है ?
उत्तर : ज्वार-भाटा (Tide-Ebb): ज्वार भाटा सूर्य और चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण है । भू-पतल ठोस रहने के कारण आकर्षित नहीं होता परन्तु समुद्र का जल तरल होने के कारण ऊपर उठ जाता है। समुद्र में जल के ऊपर उठने को ज्वार (Tide) तथा नीचे गिरने को भाटा (Ebb) कहते हैं। 

3.81. मुख्य ज्वार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : मुख्य ज्वार (Primary tide): पृथ्वी के उस भाग के समुद्री जल के चढ़ाव को प्रत्यक्ष ज्वार कहते हैं जो चन्द्रमा व सूर्य के समीपस्थ पड़ता है । वहाँ केन्द्रापसारी बल की अपेक्षा गुरुत्वाकर्षण शक्ति अधिक होती है। अत: इस भाग का जल चन्द्रमा की ओर आकर्षित होकर ऊपर उठ जाता है । इस जल चढ़ाव को प्रत्यक्ष ज्वार (Direct tide) या प्रारम्भिक या मुख्य ज्वार (Primary tide) कहते हैं। 

13.82. गौण ज्वार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : गौण ज्वार (Indirect Tide): पृथ्वी का वह भाग जो चन्द्रमा के ठीक विपरीत दुरस्थ भाग पर पड़ता है तो इस भाग में गुरुत्वाकर्षण शक्ति की अपेक्षा केन्द्रापसारी बल अधिक होता है। अत: इस भाग का जल चन्द्रमा से दूर हट कर ऊपर उठ जाता है । इसे अप्रत्यक्ष ज्वार या गौण ज्वार कहते है।

विभाग-घ


4.27. सारगासो समुद्र का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर : सारगैसो सागर की उत्पत्ति : उत्तरी अटलांटिक महासागर के मध्य में धाराओं का एक गोलाकार क्रम उत्पन्न होता जाता है। इसके मध्य में शांत एवं स्थिर जल पाया जाता है। शांत एवं स्थिर जल वाला यह क्षेत्र 'सारगैसो सागर' कहलाती है। इस क्षेत्र में कूड़ा-कर्कट तथा घास भी एकत्र हो जाती है। इस क्षेत्र में उच्च तापमान के कारण घास स्वत: ही उग जाती है। पृथ्वी पर अन्यत्र ऐसा विचित्र सागर कही नहीं पाया जाता है।

: 4.28. किस समुद्र में 'शीतल दिवाल' पायी जाती है?
उत्तर : शीतल-दिवाल उत्तरी अंध महासागर में पायी जाती है। उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट पर लैबोडोर की ठण्डी जलधारा एवं गल्फ स्ट्रीम की गर्म जलधाराएँ आपस में मिलती है। दो विभिन्न तापक्रम एवं खारेपन की धाराएँ विपरीत दिशाओं में प्रवाहित होती है और शीतल-दिवाल का निर्माण करती है। गर्म एवं ठण्डी धाराओं के प्रभाव से उत्तरी अमेरिका के उत्तरी पूर्वी तट पर पूरे वर्ष कुहरे की पतली घनीपत बन जाते हैं। इसी लेब्रोडोर को ठण्डी जलधारा को न्यूयार्क  के पास शीतल-दिवाल कहते हैं।

4.29. विभिन्न प्रकार की सागरीय धाराएँ क्या है?
उत्तर : सागरीय धाराएँ : गति, विस्तार एवं सीमा के आधार पर महासागरीय धाराओं को निम्न तीन भागों में बाँटा गया है।
(i) ड्रिफ्ट (Drift) : जल की ऊपरी सतह पर मन्द गति से बहनेवाली जलधाराएँ ड्रिफ्ट कहलाती है। इनकी गति तथा प्रभाव क्षेत्र निश्चित नहीं होता। उत्तरी अन्ध महासागरीय ड्रिफ्ट इसका उदाहरण है। 
(ii) धारा (Current) : इनकी प्रवाह गति तीव्र तथा निश्चित होती है । ये उष्ण तथा शीतल, दोनों प्रकार की होती है। क्यूरोसियो इसका उदाहरण है।
(iii) प्रवाह (Stream): निश्चित दिशा में तीव्र गति से बहनेवाली जलधाराएँ स्ट्रीम कहलाती हैं। इनकी गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। गल्फ स्ट्रीम उष्ण जलधारा इसका उदाहरण है।

4.30. प्रत्यक्ष ज्वार एवं अप्रत्यक्ष में तुलना कीजिए।
उत्तर : प्रत्यक्ष ज्वार और अप्रत्यक्ष ज्वार में तुलना :

Class-10-geography-madhyamik-suggetion

4.31. ज्वार- भाटा से क्या हानियाँ है?
उत्तर : ज्वार-भाटा हित के साथ अनेक प्रकार से अनहित भी करता है। ज्वार-भाटा से निम्नलिखित हानियाँ होती है 
1. ज्वार-भाटा कभी-कभी सागर में बेगवान तरंगों को जन्म देता है जिससे जलयान नष्ट हो जाते हैं जिनसे उन्हें भारी क्षति उठानी पड़ती है। 
2. ज्वार-भाटा अनेक तटों पर मिट्टी, बालू तथा कूड़ा-कर्कट आदि लाकर एकत्र कर देता है जिससे बंदरगाहों के विकास में बाधा पड़ती है। सागर तटों को जलयानों के आगमन के लिए स्वच्छ बनाने के लिए भारी व्यय करना पड़ता है।
 3. ऊँची-ऊँची ज्वारीय तरंगें तथा ज्वार भित्तियाँ नौकओं को पलट कर डुबो देने में सक्षम होती हैं जिसके कारण अपार धन-जन की हानि होती है। 

4.32. ग्रैंड बैंक मत्स्य उद्योग के लिए अनुकूल क्यों है? 
उत्तर : ग्रैण्ड बैंक और मत्स्य उद्योग : गर्म और ठण्डी जलधारा के मिलने से ग्रैण्ड बैंक पर प्लैंकटन पायी जाती है। यहां उत्तम बन्दरगाह विकसित है। जंगलों से मत्स्य व्यापार को सहायता मिलती है। साथ ही ठण्डी जलवायु में मछलियाँ लम्बे समय तक संरक्षित रहती है। यही कारण है कि ग्रैण्ड बैंक मछलियों को पकड़ने के लिए काफी मशहूर है। इस प्रकार समशीतोष्ण जलवायु, उथला समुद्र एवं प्लैंकटन की उपलब्धता से ग्रैण्ड बैंक मुख्य मत्स्यागार है।






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