Class 10 Geography CHAPTER 2 वायुमण्डल Madhyamik WBBSE

2. वायुमण्डल

Class10-madhyamik-geography-suggetion

ATR Institute
West Bengal Board of Secondary Education (WBBSE)

Notes for:-

CLASS 10 (MADHYAMIK)

GEOGRAPHYCHAPTER-2

2. वायुमण्डल

विभाग ख

2.3.24. अल्बेडो की मात्रा क्या है ?
उत्तर: 34%

2.3.25.वायु दाब मापक इकाई का नाम बताओ। 
उत्तर: वायुभार को बैरोमीटर यंत्र से मापा जाता है।

 2.3.26.जल वाष्प की जल बूंदों में बदलने की क्रिया को क्या कहा जाता है ?
उत्तर: संघनन

2.3.27. चीन सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवात का क्या नाम है?
उत्तर: टाइफून।

2.3.28. एनाबेटिक पवन क्या है ? 
उत्तर: घाटी से पर्वतीय ढालों की ओर चलने वाले घाटी समीर को एनाबेटिक पवन कहते हैं।
2.3.29. एनीमोमीटर क्या है ? 
उत्तर:वायु की गती मापने वाले यंत्र को एनीमोमीटर कहते  है।
2.3.31.वायुमण्डल की सबसे नीचे की परत क्या है?
 उत्तर:क्षोभमण्डल। 
2.3.32. आयन मंडल को क्या कहा जाता है? 
उत्तर : तापमण्डल।।
 2.3.33. कौन-सी गैस पराबैंगनी किरणों से जीवों की रक्षा करती है?
उत्तर: ओजोन गैस।
2.3.34. सूर्य से पृथ्वी पर पहुँचने वाली ऊर्जा किस रूप में पहुँचती है?
 उत्तर: लघु तरंगों के रूप में (Short waves) 
2.3.35. किसी वस्तु के अधिक गर्म कणों द्वारा अपने सम्पर्क के कम गर्म कणों को ताप देने को क्या कहते हैं?
उत्तर: संचालन (Conduction)
 2.3.36. किस  जलवायु प्रदेश को चीन तुल्य जलवायु (China Type of Climate) कहा जाता है?
उत्तर: CW जलवायु अर्थात उष्ण शीतोष्ण आर्द्र जलवायु को चीन तुल्य जलवायु(China Type of Climate) कहा जाता है। 
2.3.37. पाला क्या है? अथवा 'पाला' शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: पाला (Frost): 'पाला' शब्द का प्रयोग धरातल पर अथवा घास-पतियों पर भाप के ठोस अवस्था हल्की चमकदार बर्फ के तह के रूप में जम जाने के लिए किया जाता है।
 2.3.38. वायुमण्डल के संगठन में जलवाष्प का प्रतिशत कितना होता है? 
उत्तर: वायुमण्डल के संगठन में जलवाष्प का प्रतिशत 2 से 5 तक हो सकता है।
2.3.39. संघनन किसे कहते हैं?
उत्तर: संघनन (Condensation) : जलवाष्प के जल रूप (ठोस-हिम या तरल) में बदलने की क्रिया को संघनन कहते हैं।
2.3.40. ओला (Hail) क्या है? 
उत्तर : ओला (Hail) : जब बर्फ की कड़ी एवं बड़ी गोलियों की बौछार होने लगती है तो इसे ओला कहा जाता है। 
2.3.41. ट्रिगर प्रभाव (Trigger Effect) क्या है?
उत्तर: ट्रिगर प्रभाव (Trigger Effect) : पर्वतों द्वारा वायु के ऊपर उठने में जो सहायता मिलती है, उसे ट्रिगर प्रभाव कहा जाता है।

विभाग ग

 वायुमंडलीय तापमान में विलोमता या व्युक्रमण (Inversion of Temperature) क्या है ? 
उत्तर : तापमान का व्युत्क्रमण या विलोमता (Inversion of Temperature) : साधारणत: ऊँचाई के अनुसार तापक्रम घटने लगता है परन्तु, कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि ऊँचाई बढ़ने पर भी तापमान घटने की अपेक्षा बढ़ता जाता है और वायु की तहें सामान्य अवस्था के विपरीत शीलत, उष्ण और अधिक रूप में पायी जाती है। वायु तहों की ऐसी अवस्था को ही तापमान का व्युत्क्रमण या विलोमता कहा जाता है। ।
3.31. दक्षिणी गोलार्द्ध के दो उष्ण मरूस्थलों के नाम बताओ। 
Ans. दक्षिणी गोलार्द्ध के दो उष्ण मरूस्थलों के नाम कालाहारी एवं अटकामा।
 3.32. चेरी ब्लासम और आम्र वृष्टि क्या हैं ?
उत्तर : चेरी ब्लासम-कनटिक में नार्वेस्टर से होने वाली वर्षा को चेरी ब्लासम कहा जाता है, जो कॉफी की कृषी के लिए लाभदायक है।
 आम्र वृष्टि- नार्वेस्टर से होने वाली वर्षा से दक्षिण भारत में आम की खेती लाभदायक सिद्ध होती हैं इसलिए आम्र वृष्टि कहते हैं।
 3.33. वर्नियर स्थिर (Vernier Constant) क्या है ?
उत्तर : वर्नियर स्थिर (Vernier Constant) : वायुमंडलीय काँच की नली के दिखाई देने वाले भाग पर वायुमण्डलीय दाब मिलीबार में अंकित की जाती है। इस मापनी पर एक वर्नियर मापनी लगी रहती है जिसे ही वर्नियर स्थिर कहा जाता है।
| 3.34. सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity) क्या है ?
उत्तर : सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity) :- किसी भी तापमान पर वायु में उपस्थित जलवाष्प तथा उसी तापमान पर उसी वायु की जलवाष्प धारण करने की क्षमता को सापेक्ष आर्द्रता कहते हैं। इसे प्रतिशत मात्रा में व्यक्त किया जाता है | 
3.35. हिमरेखा (Snow Line) क्या है ? 
उत्तर : हिम रेखा (Snow Line) :- हिम रेखा वह कल्पित रेखा है, जिसके उपर पूर्णतया बर्फ कभी नहीं पिघलती है अर्थात जहाँ बर्फ सालों भर जमी रहती है।
|3.36. ओसांक बिंदु तापक्रम (Dew Point Temperature) क्या है ?
उत्तर : ओसांक बिंदु तापक्रम (Dew Point Temperature):- बिना भाप के घटाये-बढ़ाये ही जिस तापमान पर वायु संतृप्त हो जाती है, उस तापमान को ओसांक विन्दु तापक्रम कहा जाता है। 
3.37 क्षोभसीमा (Doldrum) का महत्व लिखें। 
उत्तर : क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा को क्षोभ सीमा कहते है। यह बहुत पतली एवं अस्थायी परत है। जिसकी मोटाई 1.5 कि०मी० हैं। 
3.38. 'समताप रेखा (Isotherm) की विशेषता लिखें।
उत्तर : समताप रेखा (Isotherm):- Isotherm अंग्रेजी के दो शब्दों के मेल से बना है जिसमें ISO' का अर्थ "सम तथा 'THERM' का अर्थ 'ताप अर्थात् समताप रेखा। वे कल्पित रेखाएं जो समुद्र तल से समान तापमान वाले स्थानों को मिलाते हुए खिंचा जाता है।
3.39. वायु विलय पात्र (Aerosol) क्या है।
उत्तर : वायु विलय पात्र (Aerosol) : - वायु में विभिन्न प्रकार के ठोस एवं तरल पदार्थ के मिश्रण को ही वायु विलय पात्र कहा जाता है।
| 3.40. हिमभक्षि (Snow-eaters) क्या है। 
उत्तर : हिमभक्षि (Snow-eaters) - सं० रा० अ० में चिनूक हवाओं के कारण बर्फ के पिघलते ही पानी वाष्प बन कर इन हवाओं में मिल जाता है। इन हवाओं को इसीलिए हिमभक्षि (Snow-eaters) कहा जाता है।
| 3.41. पृथ्वी का एल्बिडो क्या है ?
उत्तर : पृथ्वी का एल्बिडो (Albedo of the earth) - वायुमंडल की ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाली कुल उष्मा को यदि 100 इकाई मान लिया जाय तो इसमें ये 35 इकाईयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने से पहले ही आन्तरिक्ष में लौट जाती है। सौर विकिरण की इस मात्रा को पृथ्वी का एल्बिडो कहा जाता है। | 
3.42. सूर्याताप से क्या समझते हो ?
 उत्तर : सूर्याताप (Insolation) से पृथ्वी तक पहुँचने वाले सौर विकिरण को सूर्याताप कहते है। दूसरे शब्दों में सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाली विकिरण ऊर्जा को सूर्याताप कहते हैं।
| 3.43. चक्रवातीय वर्षा (Cyclonic Rain) क्या है ?
उत्तर : चक्रवातीय अथवा वाताग्री वर्षा (Cyclonic or Frontal Rainfall) : चक्रवातों द्वारा होने वाली वर्षा को चक्रवाती या वाताग्री वर्षा कहा जाता है। शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात में उष्ण एवं आर्द्र वायु राशि हल्की होने के कारण शीतल एवं शुष्क राशि के ऊपर बढ़ जाती है, इससे गर्म पवन में उपस्थित जलवाष्प का संघनन हो जाता है और वर्षा होती है। इस प्रकार की वर्षा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के क्षेत्रों में होती है। शीत ऋतु में उत्तर-पश्चिम भारत में भी वर्षा चक्रवातों द्वारा ही होती है।
3.44. चक्रवात का आँख (Eye of Cyclone) क्या है ? 
उत्तर : चक्रवात का आँख (Eye of Cyclone) : उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (Tropical cyclone) की महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इनके केन्द्र में शांत क्षेत्र पाया जाता है जिसके ऊपर आकाश मेघ रहित होता है। इस वृत्ताकार केन्द्र प्रदेश को ही चक्रवात का आँख या चक्षु (Eye of Cyclone) कहा जाता है। 
13.45. उपोष्ण चक्रवात (Tropical Cyclone) क्या है ?
उत्तर : उपोष्ण चक्रवात (Tropical Cyclone) : - ग्लोब पर दोनों गार्ड में 8 से 24° अंक्षाशों के बीच उत्पन्न चक्रवातों को उपोष्ण चक्रवात कहा जाता है।
|3.46. बोफर्ट मापक्रम (Bofort Scale) क्या है ?
उत्तर : बोफर्ट मापक्रम (Bofort Scale):- यह एक अन्तर्राष्ट्रीय वायु गति मापक यंत्र है जिसमें वायु की न्यूनतम गति, शुन्य शांत वायु और अधिकतम गति 12 इकाई दिखाया जाता है |
 3.47. सामान्य ह्रास दर किसे कहते हैं?
उत्तर : सामान्य ह्रास दर (Normal Lapse Rate): क्षोभमण्डल की परत में ऊँचाई के साथ-साथ तापमान कम होता जाता है। तापमान की गिरावट की दर 1°C प्रति 165 मीटर होती है, इसे ही सामान्य ह्रास दर कहते हैं।
3.48.पृथ्वी का ऊष्मा बजट क्या है?
 उत्तर : पृथ्वी का ऊष्मा बजट (Heat Budget of the Earth): पृथ्वी पर औसत तापमान एक समान रहता है। यह सूर्याताप एवं भौमिक विकिरण में संतुलन के कारण ही संभव हुआ है। इस संतुलन को ही पृथ्वी का उष्मा बजट कहा जाता है।
3.49. वायु विज्ञान किसे कहते हैं? 
उत्तर : वायु विज्ञान (Aerology) : वायुमण्डल के सबसे ऊपरी परतों के अध्ययन को ही वायु विज्ञान कहा जाता है। 
| 3.50. ऋतु विज्ञान क्या है?
उत्तर : ऋतु विज्ञान (Meteorology): वायुमंडल के सबसे नीचली परतों के अध्ययन को ऋतु विज्ञान कहा जाता है। 
3.50. सम मण्डल से क्या समझते हैं? 
उत्तर : सम मण्डल (Homosphere) : सम मण्डल वायुमंडल का निचला भाग है। समुद्र तल से इस मण्डल की ऊँचाई 90 कि०मी० मानी गयी है। इस मण्डल की रचना मुख्यतः नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन दोनों गैसों से हुई है। ये दोनों गैसें वायुमण्डल के 99 प्रतिशत भाग को घेरे हुए हैं।
3.51. फेरल के नियम से तुम क्या समझते हो? अथवा, फेरल का नियम क्या है? 
उत्तर : फेरल का नियम (Farrel's Law): पृथ्वी की दैनिक गति के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में पवने अपनी दायीं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अपनी बायीं ओर मुड़ जाती है। इस विक्षेप को फेरल नामक वैज्ञानिक ने सिद्ध किया था।अत: इसे फेरल का नियम कहा जाता है।
13.52. बाइज-बैलेट नियम क्या है? अथवा, बाइज-बैलेट के नियम से तुम क्या समझते हो? 
उत्तर : बाइज-बैलेट का नियम (Buys-Ballot Law): इस नियम के अनुसार यदि हम उत्तरी गोलार्द्ध में पवन की ओर पीठ करके खड़ा हो जायें तो उच्च वायु दाब हमारी दायीं ओर और निम्न वायु दाब बायीं ओर होगा। दक्षिणी गोलार्द्ध में यह स्थिति इसके ठीक विपरीत होगा। 
13.53 अश्व अक्षांश किसे कहा जाता है? अथवा, घोड़े का अक्षांश (Horse Latitude) से तुम क्या समझते हो? 
उत्तर : अश्व अक्षांश (Horse Latitude) : ग्लोब पर दोनों गोलार्ध में 30°-50° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षाश को अश्व अक्षांश कहा जाता है। घोड़े से लदे जहाज को बचाने के लिए इन अक्षांशों के बीच समुद्र में घोड़े को फेंक दिया जाता था। इसलिए इसे घोड़े का अक्षांश भी कहा जाता है।
3.54. सूर्याताप से क्या समझते हो?
 उत्तर : सूर्याताप (Insolation) : सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाले सौर विकिरण को सूर्याताप  कहते हैं। दूसरे शब्दों में सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाली विकिरण उर्जा को सूर्याताप कहते हैं।
3.55. तापमान का व्युत्क्रमण या विलोमता से क्या समझते हो? 
उत्तर : तापमान का व्युत्क्रमण या विलोमता (Inversion of Temperature) : साधारणतः ऊँचाई के अनुसार तापक्रम घटने लगता है परन्तु, कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि ऊँचाई बढ़ने पर भी तापमान घटने की अपेक्षा बढ़ता जाता है और वायु की तहे सामान्य अवस्था के विपरीत शीलत, उष्ण और अधिक रूप में पायी जाती है। वायु तहो को ऐसी अवस्था को ही तापमान का व्युत्क्रमण या विलोमता कहा जाता है।
3.56. अन्तरा-उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र क्या है?
उत्तर : अन्तरा-उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र (ITCZ) : यह प्रदेश विषुवत रेखीय न्यून वायुदाब की पेटी पर विस्तृत है।
यहाँ जब कभी उत्तरी तथा दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक हवाएँ मिलती है वाताग्र का निर्माण हो जाता है। इस प्रकार यहाँ व्यापारिक हवाओं के अभिसरण को ही अन्तरा-उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र कहा जाता है। 
3.57. समताप मण्डल में ही जेट विमान क्यों उड़ते हैं ? 
उत्तर : क्या कारण है कि जेट विमान समतापमण्डल में ही उडते हैं ? समतापमण्डल परिवर्तनमण्डल के ऊपर 80 कि०मी० की ऊँचाई तक पाया जाता है। ऊँचाई के साथ समतापमण्डल में तापकम का परिवर्तन नहीं होता है। तापक्रम लगभग स्थिर रहता है। समतापमण्डल में जलवाष्प एवं धूल-कण बहुत कम पाये जाए हैं। अतः इस मण्डल में आँधी, तूफान हिम-वर्षा एवं धन गर्जन नहीं होते। समान तापमान, बादनलों का अपेक्षाकृत अभाव और हल्की वायु के कारण जेट विमान समतापमण्डल में ही अधिक उड़ना चाहता है।
3.58. जेट स्ट्रीम क्या है? 
उत्तर : जेट स्ट्रीम (Jet Stream) : जेट स्ट्रीम उच्च पवन संचार का अंग है। क्षोभ मण्डल (Troposphere) की ऊपरी मण्डल अर्थात क्षोभसीमा की सीमा पश्चिम से पूरब की ओर अत्यन्त ही तीव्र गति से चलने वाली पवन धाराओं को जेट स्ट्रीम कहा जाता है।
3.59. बैरोमीटर क्या है? 
उत्तर : बैरोमीटर (Barometer): वायुमण्डलीय वायु के अन्तर्गत भार होता है तथा वह हमेशा पृथ्वी पर दबाव डालती रहती है। इस वायुभार को मापने वाले यंत्र को बैरोमीटर या वायुदाब मापी (Barometer) कहते हैं। 
3.60. चिनूक क्या है? 
उत्तर : चिनूक (Chinook) : चिनूक शब्द का अर्थ है - 'हिम भक्षी'। यह पवन अमेरिका एवं कनाडा में राकी पर्वत श्रेणी के पूर्वी ढाल पर नीचे उतरती है। रॉकी के पूरब भाग में स्थित चारागाहों को हिम के प्रभाव से मुक्त रखती है।
 3.61. 'लू' क्या है?
उत्तर : 'लू' (लू) : उत्तरी भारत में गर्मी के दिनों में उत्तर-पश्चिम तथा पश्चिम से पूरब की दिशा में बहने वाली प्रचण्ड उष्ण तथा शुष्क हवा को 'लू' कहते हैं। यह हवा उत्तर भारत तथा पाकिस्तान के मैदानी भागों में मई तथा जून के महीने में बहती है। इस हवा के प्रभाव से तापमान 45°C से 50°C तक पहुँच जाता है।
13.62 चक्रवात का आँख क्या है?
उत्तर : चक्रवात का आँख (Eye of Cyclone): उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical cyclone) की महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि इनके केन्द्र में शांत क्षेत्र पाया जाता है जिसके ऊपर आकाश मेघ रहित होता है इस वृत्ताकार केन्द्र प्रदेश को ही चक्रवात का आँख या चक्षु (Eye of Cyclone) कहा जाता है। 
3.63. 'मानसून' का अर्थ क्या है तथा इससे आप क्या समझते हो? 
उत्तर : मानसून (Monsoon): 'मानसून' शब्द मूल रूप से अरबी भाषा के 'मौसिम' शब्द से बना है जिसका तात्पर्य 'मौसम' होता है। इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अरब सागर पर चलने वाली हवाओं के लिए किया गया था जो छः माह उत्तर-पूरब दिशा से और छह माह दक्षिण-पश्चिम दिशा से चला करती थी।
| 3.64. ओस (Dew) क्या है?
उत्तर : ओस (Dew) : हवा का जलवाष्प जब संघनित होकर छोटी-छोटी बूंदों के रूप में धरातल पर पड़ी वस्तुओं पर जमा हो जाता है तो इसे ओस कहते हैं। 

|3.65. कोहरा या कुहरा किसे कहते हैं?
उत्तर : कोहरा (Fog) : कोहरा एक प्रकार का बादल है। जब जलवाष्प का संघनन धरातल के बिल्कुल समीप होता है तो कोहरा का निर्माण होता है। कोहरे में कुहासे की तुलना में जल के कण अधिक छोटे एवं सघन होते हैं।
3.66. पवनाभिमुख ढाल और पवन-विमुख ढाल में क्या अन्तर है?
उत्तर : पर्वत के जिस ढाल के सहारे हवा ऊपर बढ़ती है उसे पवनभिमुख ढाल (Wind Ward Slope) कहते हैं तथा जिस ढाल के सहारे हवा विपरीत ढाल पर नीचे उतरती है उसे पवन ढाल (Lee Ward Slope) कहा जाता है।

विभाग-घ

4.11. मानसूनी वायु पर जेट स्ट्रीम के प्रभाव का वर्णन करो। 
 या. धरातलीय मौसम पर जेट स्ट्रीम के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
 उत्तर : जेट स्ट्रीम (Jet Stream) उच्च स्तरीय पवन संचार व्यवस्था का अंग है। क्षोभमण्डल की ऊपरी परतों में क्षोभसीमा के निकट पश्चिम से पूरब की ओर अत्यंत तीव्र गीत से चलने वाली पवन धाराओं को जेट स्ट्रीम कहा जाता है धरातल पर पाये जाने वाले मौसम एवं जेट स्ट्रीम में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ध्रवुीय वाताग्र, जहाँ शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है तो इसका सम्बन्ध जेट स्ट्रीम से होता है। अपनी पूर्ण विकसित अवस्था में शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात का विस्तार क्षोभमण्डल के ऊपरी भाग तक होता है। जब इनका पथ जेट स्ट्रीम के नीचे पड़ता है तो उनकी प्रचण्डता में वृद्धि हो जाती है एवं वर्षा की मात्रा भी अधिक हो जाती है। चक्रवातों तथा प्रति चक्रवातों के अलावा जेट स्ट्रीम के प्रभाव के कारण कभी बाढ़ भी आ जाती है तो कभी सूखा पड़ जाता है। इन्हीं के कारण मौसम असाधारण रूप में कभी गर्म तो कभी शीतल हो जाता है। भारतीय मानसून की उत्पत्ति पर उष्ण पूर्वी जेट एवं उपोष्ण जेट का प्रभाव भी पड़ता है। इस प्रकार वर्षा, तूफान, हिमपात एवं शीत लहरिया आदि जेट स्ट्रीम द्वारा प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है।
4.12. पृथ्वी की ऊष्मा बजट से क्या समझते हो और यह कैसे संतुलित होता है?
उत्तर : पृथ्वी की उष्मा बजट (Heat Budget of the Earth) : वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाली कुल उष्मा को यदि हम 100 इकाई मान लें तो इसमें से 35 इकाईयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने से पहले ही अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती है। 35 इकाईयों को छोड़कर बाकी 65 इकाईयाँ अवशोषित होती हैं जिसमें से 14 इकाईयाँ वायुमंडल द्वारा तथा 51 इकाईयाँ पृथ्वी के धरातल द्वारा । पृथ्वी द्वारा अवशोषित यह 51 इकाईयाँ पुनः भौमिक विकिरण या पार्थिव विकिरण (Terrestrial Radiation) के रूप में लौटा दी जाती है। इनमें से 17 इकाईयाँ सीधे अंतरिक्ष में चली जाती है और शेष 34 इकाईयों में से 6 इकाइयाँ विकिरण द्वारा, 9 इकाईयाँ संवहन के द्वारा तथा 19 इकाईयाँ संघनन की गुप्त ऊष्मा के रूप में वायुमण्डल को प्राप्त होती है। 34 इकाईयों के अलावा वायुमण्डल 14 इकाई ऊर्जा का प्रत्यक्ष रूप से अवशोषण करता है। इस प्रकार वायुमण्डल का कुल 14 + 34 इकाईयाँ अर्थात् 48 इकाईयों का अवशोषण होता है। वायुमण्डल विकिरण द्वारा इन 48 इकाईयों को भी अंतरिक्ष में वापस लौटा देता है। पृथ्वी के धरातल तथा वायुमण्डल से अंतरिक्ष में लौटने वाली विकिरण की इकाईयाँ क्रमश: 17 एवं 48 है जिनका योग 65 होता है। इस प्रकार पृथ्वी तथा इसके वायुमण्डल को प्राप्त हुई उष्मा उनके द्वारा छोड़ी गई उष्मा के बराबर है। अतः पृथ्वी तथा वायुमण्डल द्वारा प्राप्त ताप तथा उनके द्वारा ताप के हास के संतुलन को ही उष्मा बजट अथवा उष्मा संतुलन कहा जाता है।

4.13. हरित गृह प्रभाव से क्या समझते हो?
उत्तर : हरित गृह प्रभाव (Green House Effects) : वायुमंडल के कार्य की तुलना ग्लास हाउस या ग्रीन हाउस के कार्य से की जा सकती है। ठण्ड प्रदेशों में सब्जियों और फूलों के पौधे 'ग्लास हाउसों' अर्थात काँच के घरों में उगाए जाते है। 'काँच घर' का आन्तरिक भाग बाहर की अपेक्षा गरम रहता है, क्योंकि काँच, सूर्याताप को अन्दर तो जाने देता है, लेकिन पार्थिव विकिरण (Terrestrial Radiation) को तत्काल बाहर नहीं निकलने देता। पृथ्वी को चारों तरफ से घरेने वाला वायुमण्डल 'ग्रीन हाउस' की भाँति ही कार्य करता है। यह सूर्याताप को अपने में से गुजरने देता है परन्तु बाहर जाने वाली दीर्घ किरणों का अवशोषण कर लेता है। इसे ही वायुमण्डल का 'हरित गृह प्रभाव' कहते हैं।

4.14. सौर विकिरण और पार्थिव विकिरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
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4.15. ओजोन परत क्षरण क्या है?
उत्तर : ओजोन परत क्षरण (Depletion of Ozone layer) : ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet rays) को अवशोषित करके पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है लेकिन क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन (CFCs) की मात्रा में वृद्धि से यह परत नष्ट हो रही है। ओजोन परत में कमी आने से पृथ्वी के धरातल पर चर्म कैसर एवं आँखों की बिमारियों में वृद्धि की सम्भावना बढ़ जायेगी।
 4.16. 30 से 35° उत्तर-दक्षिण अक्षांशों को अश्व अक्षांश (Horse Latitude) क्यों कहा जाता है?
अथवा, 25° से 35° उत्तर-दक्षिण अक्षांशों के बीच उपोष्ण उच्च वायुदाब की पेटियाँ क्यों पायी जाती है?
उत्तर : ग्लोब पर दोनों गोलार्ध में 25 से 35° अक्षांशों के बीच उपोष्ण उच्च वायुदाब की पेटियाँ पायी जाती है। इस भाग में शीतकाल के दो महीनों को छोड़कर सालों भर उच्च तापक्रम रहता है। इस पेटी का उच्च दाब तापक्रम से सम्बन्धित न होकर पृथ्वी की दैनिक गति तथा वायु के अवतलन से सम्बन्धित है। भूमध्य रेखा से उठी वायु तथा उप ध्रुवीय निम्न वायुदाब की वायु इन अक्षांशों में नीचे उतरकर बैठती है, जिस कारण इनका आयतन कम होने से वायदाब अधिक हो जाता है। इस प्रकार यह उच्च वायु गति जन्य (Dynamically Induced) होता है। इस पेटी को अश्व अक्षांश कहा जाता है क्योंकि प्राचीन काल में यूरोप के व्यापारियों को घोड़ों से लदे नौकाओं द्वारा इस पेटी में पहुँचने पर वायु शांत रहने के कारण आगे बढ़ने में कठिनाई होती थी। ऐसी अवस्था में वे अपनी नौकाओं का भार हल्का करने के लिए घोड़ों को समुद्र में फेक देते थे। इसलिए30°-35° उत्तर-दक्षिण अक्षांशों को अश्व अक्षांश (Horse Latitude) कहा जाता है।

4.17. चक्रवात तथा प्रतिचक्रवात की विशेषता बताएँ।
 अथवा, चक्रवात और प्रतिचक्रवात में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

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4.18. पर्वतीय समीर एवं घाटी समीर से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर : पर्वतीय समीर (Mountain Breeze or Catabatic Wind Or Gravity wind): पर्वतीय समीर एक सामयिक पवन है, रात्रि के समय पर्वतीय ढालों तथा ऊपरी भागों पर विकिरण द्वारा ताप ह्रास अधिक होता है, जिस कारण हवाएँ ठण्डी हो जाती हैं। ये ठंडी तथा भारी हवाएँ पर्वतीय ढालों के सहारे घाटियों में नीचे उतरती है। इन्हें ही पर्वतीय समीर या गुरुत्वाकर्षण पवन या कैटाबेटिक पवन कहते हैं।
घाटी समीर (Valley Breeze or Anabatic wind): घाटी समीर एक सामयिक पवन है जो दिन के समय पर्वतीय घाटियों के निचले भागों में अधिक तापमान के कारण हवाएँ गर्म होकर ऊपर उठती है तथा पर्वतीय ढलानों के सहारे घाटी से ऊपर उठती है। इन्हें ही घाटी समीर या एनाबेटिक पवन कहा जाता है।
जब ये हवाएँ पर्वत की चोटी तक पहुँच जाती है तब वहाँ वर्षा पदार्थ करती है। मेघालय में चेरापूँजी तथा मौसिमराम में होने वाली वर्षा इसी कारण होता है।

4.19. पृथ्वी पर हवा की पेटियों के खिसकाव का संक्षिप्त व्याख्या कीजिए? 
उत्तर : पृथ्वी पर हवा की पेटियों का खिसकाव (Shifting of the Wind Belts on the Earth) : पृथ्वी का अपनी कक्ष पर झुकी हुई होने तथा अण्डाकार मार्ग पर सूर्य की परिक्रमा करने के फलस्वरूप धरातल पर सूर्य की किरणें कभी एक सी नहीं चमकती। सूर्य कभी कर्क रेखा और कभी मकर रेखा पर सीधा चमकता है। सूर्य के इस प्रकार कभी उत्तरायण तो कभी दक्षिणायन होने के कारण वायुदाब और हवाओं की पेटियाँ कुछ उत्तर तथा कुछ दक्षिण की ओर खिसकती रहती है। 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत चमकता है जिस कारण सभी वायुदाब की पेटियाँ उत्तर दिशा में खिसक जाती है। भूमध्य-रेखीय दाब 0° तथा 10° अक्षांशों के बीच उपोष्ण कटिबन्धीय उच्च दाब 30° - 40° अक्षांशों के बीच हो जाता है, इस कारण उनसे संबंधित वायुदाब की पेटियां भी अपने निर्दिष्ट स्थान से उत्तर की ओर खिसक जाती हैं।

 4.20. आर्द्रता किनते प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का संक्षिप्त में वर्णन करें। 
उत्तर : आर्द्रता निम्नलिखित तीन प्रकार की होती है।
(i) निरपेक्ष आर्द्रता (Absolute Humidity) : वायु की प्रति इकाई आयतन में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा को निरपेक्ष आर्द्रता कहा जाता है और इसे ग्राम प्रति घन मीटर में व्यक्त किया जाता है। निरपेक्ष आर्द्रता प्रायः भूमध्य रेखा के निकट सबसे अधिक पाया जाता है जबकि ध्रुवों की ओर बढ़ने पर यह कम होती जाती है।

(ii) विशिष्ट आर्द्रता (Specific Humidity) : वायु के प्रति इकाई भार में जल/वाप के भार को विशिष्ट आर्द्रता कहते हैं, उसे ग्राम प्रति किलोग्राम की इकाई में मापा जाता है।
(iii) सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity) : किसी निश्चित तापक्रम पर निश्चित आयतन वाली वायु की अत्यधिक नमी धारण करने की क्षमता तथा उसमें उपस्थित आर्द्रता की वास्तविक आर्द्रता के अनुपात को सापेक्ष आर्द्रता कहा जाता है, उसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
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|4.21. वृष्टि किसे कहते हैं? वृष्टि कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर : वृष्टि (Precipitation): जब वायुमण्डल में उपस्थित जलवाष्प संघनन द्वारा तरल या ठोस अवस्था में परिवर्तित होकर धरातल पर गिरते हैं तो इसे वृष्टि कहते हैं। 
वृष्टि के प्रकार (Types of Precipitation) : धरातल पर होने वाली वृष्टि मुख्यत चार प्रकार की होती है।
(1) हिम वृष्टि (Snow Fall) : जब वायु का तापक्रम हिमांक के नीचे गिर जाता है तो जल के कण जम जाते हैं और वे बर्फ के रूप में धरातल पर गिरने लगते है तो इसे हिम वृष्टि कहा जाता है।
(ii) ओला वृष्टि (Hail Fall) : वायु में उपस्थित जलवाष्प तेजी से हिम के मोटे-मोटे कणों में बदल जाते हैं और वे ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगते है तो इसे ओला वृष्टि कहा जाता है।
 (iii) सहिम वृष्टि (Sleet) : वर्षा की बूंदें अथवा पिघले हिम वृष्टि के जल के पुनः जम जाने से सहिम वृष्टि की रचना होती है।
(iv) वर्षा (Rainfall) : वायु मण्डल में थोड़ी बहुत जलवाष्प हमेशा मिली रहती है। वायु में निहित वाष्प प्रवीभत होने पर जब बूंदों के रूप में धरातल पर गिरने लगते हैं तो उसे वर्षा या जल वृष्टि कहा जाता है।

4.22. पवन विमुख ढाल को वृष्टि छाया प्रदेश कहा जाता है, क्यों? 
उत्तर : पवन विमुख ढाल को वृष्टि छाया प्रदेश कहा जाता है क्योंकि जब पवनामुखी ढाल के सहारे जलवाष्प भरी हवाएँ ऊपर उठती हैं तथा पवन विमुख ढाल सहारे नीचे उतरती है तो वे केवल शुष्क ही नहीं होती बल्कि अधिक दबाव के कारण गर्म भी हो जाती है जिससे वर्षा करने के स्थान पर उनकी भाप धारण करने की शक्ति बढ़ जाती है। अतः पर्वतो के दूसरे और पवन विमुख ढाल वर्षा से अछूते रह जाते हैं इसलिए उसे वृष्टि छोया प्रदेश(Rain Shadow Area) कहा जाता है।
4.23.कुहरा और कुहासा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
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4.24. मौसम और जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
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4.25. सिराक्को या सिमूम से क्या समझते हैं?
 उत्तर : यह एक गर्म, शुष्क एवं रेत से भरी हुई हवा होती है जो कि सहरा रेगिस्तान के उत्तर दिशा में भूमध्य सागर की ओर चलकर इटली, स्पेन आदि देशों में प्रवेश करती है। सिराक्को हवा के साथ लाल रेत की मात्रा अधिक होती है। जब यह हवा भूमध्य सागर के ऊपर से होकर गुजरती है तो जलवाष्प ग्रहण कर लेती है एवं इटली में जब कभी-कभी वर्षा होती है तो रेत नीचे बैठने लगती है जिससे लगता है कि रक्त वृष्टि हो रही है। सहारा के मरुस्थल में चलने वाली इन्हीं गर्म हवाओं को सिमूम कहा जाता है। इटली में इन हवाओं के कारण मौसम काफी कष्टप्रद हो जाता है |
4.26. पछुआ हवा से अधिक वर्षा होती है क्यों?
उत्तर : पछुआ हवाएँ गर्म प्रदेशों से ठण्डे भागों की ओर चलती हैं। गर्म होने के कारण इनमें वाष्प ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती हैं। समुद्र से होकर आने के कारण इनमें पर्याप्त जलवाष्प आ जाता है। ठण्डे भागों में जाने के कारण ये भाप भरी हवाएँ क्रमश: ठण्डी हो जाती है जिससे पर्वतों से टकराकर महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में खूब वर्षा करती हैं।







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