Class 10 Geography CHAPTER 5 भारत : भौतिक तथा आर्थिक वातावरण Madhyamik WBBSE
5. भारत : भौतिक तथा आर्थिक वातावरण
ATR Institute
West Bengal Board of Secondary Education (WBBSE)
Notes for:-
CLASS 10 (MADHYAMIK)
GEOGRAPHYCHAPTER-5
विभाग-ख
2.3.81.कयाल क्या है?
उत्तर:मालाबार तट के सहारे स्थित लैगूनों को कयाल कहते हैं।
2.3.82. नर्मदा नदी की प्रसिद्ध जलप्रपात का नाम बताओ।
उत्तर: नर्मदा नदी पर जबलपुर के निकट प्रसिद्ध जलप्रपात 'धुआंधार' है।
2.3.83. भारत की जलवायु को कौन-सी वायु मुख्यत: नियंत्रित करती है?
Ans.मानसूनी वायु।
2.3.84.भारत के वृहद पेट्रो-रसायन केन्द्र का नाम बताओ।
Ans. कोयली, गुजरात।
2.3.85. पश्चिम बंगाल में प्रमुख सूचना-प्रौद्योगिकी औद्योगिक पार्क कहाँ स्थापित है ?
Ans. साल्टलेक में।
2.3.86.भारत के एक कर-मुक्त बन्दरगाह का नाम बताओ।
Ans. कांडला बंदरगाह।
2.3.87. भारत के सबसे बड़ा समाचार संगठन का नाम लिखिए।
उत्तर: Press Trust of India (P.T.I.), जो नई दिल्ली में स्थित है।
2.3.88.किस परिवहन व्यवस्था में स्वर्णिम चतुर्भुज शब्द का उपयोग होता है?
उत्तर:सड़क परिवहन।
2.3.89. भारत में किस प्रकार की सिंचाई व्यवस्था सर्वाधिक प्रचलित है?
उत्तर: नहरों द्वारा सिंचाई।
2.3.90. भारत की वृहत्तम नदी घाटी योजना कौन है?
उत्तर: भाखड़ा-नांगल परियोजना।
2.3.91. भारत के एक गिरिशृंग का उदाहरण दो।
उत्तर:हिमालय की नीलकण्ठ चोटी।
2.3.92. SAARC का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर: SAARC का पूरा नाम है दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation)
2.3.93. ज्वार, बाजरा, रागी को किस फसल के नाम से जाना जाता है ?
उत्तर: ज्वार, बाजरा, रागी को मिलेट (Millet) या मोटे फसल के नाम से जाना जाता है।
2.3.94. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या कितनी है ?
उत्तर: 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 121,01,93,422 है।
2.3.95. भारत में उत्पन्न होने वाले एक नकदी फसल का नाम लिखिए।
उत्तर :चाय और जूट नगदी फसलें हैं जो भारत में उत्पादित होते हैं।
2.3.96. भारत के सबसे कम जनघनत्व वाले राज्य का नाम लिखिए।
Ans. भारत का सबसे कम जनघनत्व (17) वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश है।
2.3.97.रोही क्या है?
उत्तर: अरावली के पर्वतपदीय क्षेत्र में स्थित जलोढ मैदान को रोही कहते हैं।
2.3.98. भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात कौन है ?
उत्तर: शरावती नदी पर स्थित जोग जलप्रपात।
2.3.99. पश्चिम बंगाल में पेट्रो-रसायन उद्योग कहाँ विकसित है ?
उत्तर: हल्दिया में।
2.3.100. बुलविल सामान्यत: किस फसल में लगते हैं ?
उत्तर:कपास में।
2.3.101. भारत के किस स्थान को 'सिलिकॉन वैली' कहते हैं ?
उत्तर: बेंगलुरु।
2.3.102. भारत एवं चीन के मध्य की सीमा रेखा का क्या नाम है।
उत्तर:मैकमोहन लाइन।
2.3.103. किस उद्योग को सभी उद्योगों की रीढ़ कहते हैं ?
उत्तर: लौह-इस्पात उद्योग को।
2.3.104. भारत में सबसे कम जनसंख्या किस राज्य की है ?
उत्तर: सिक्किम।
2.3.105. आप्रवर्षा कहाँ होती है?
उत्तर: दक्षिण भारत में
2.3.106. भारत के किस राज्य में वनाच्छादित भूमि सबसे अधिक है?
उत्तर: मध्य प्रदेश।
2.3.107. भारत की प्रामाणिक मध्याह्न रेखा कौन है ?
उत्तर:82½° E
2.3.108, भारत के एक भारी उद्योग का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: लौह-इस्पात उद्योग।
2.3.109. भारत का वन अनुसंधान केन्द्र कहाँ स्थित है ?
उत्तर: देहरादून में।
2.3.110. प्रतिवर्ग कि०मी० की दृष्टि से भारत का औसत जनघनत्व कितना है ?
उत्तर: 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०।
विभाग-ग
| 3.97. रबी फसल क्या है ?
उत्तर : रबी फसल :- इस फसल को शीतकालीन फसल भी कहा जाता है । भारत में जो फसल नवम्बर-दिसम्बर में रोपी जाती है तथा मार्च-अप्रैल तक काट ली जाती है, उसे रबी फसल कहा जाता है । जैसे- गेहूँ, चना इत्यादि। |
3.98. खरीफ फसल से आप क्या समझते हो?
उत्तर : खरीफ फसल : इस फसल को वर्षाकालीन फसल भी कहा जाता है । वे फसले जो मध्य जून-जुलाई में रोपी जाती है तथा अक्टूबर-नवम्बर तक काट ली जाती है तो इसे खरीफ फसल कहा जाता है । जैसे- धान, जूट इत्यादि।
(3.99. कृषि से तुम क्या समझते हो?
उत्तर : Agriculture शब्द की उत्पत्ति लैटिन के दो शब्द'agar और 'cultura' से हुई है ।'Agar का मतलब भूमि और 'Cultura' का मतलब कृषि होता है । अतः Agriculture का तात्पर्य फसलों के उत्पादन के लिए भूमि की कृषि है।
13.100. ट्रक कृषि किसे कहते हैं ?
उत्तर : बजार से कृषि क्षेत्र तक तय की गई दूरी को (Truck farming) ट्रक कृषि से नाम से जाना जाता है। इसके अंतर्गत साग-सब्जी, फूल-फल की कृषि की जाती है।
13.101. Malnad क्या है ?
उत्तर : मालनद- 'मालनद' शब्द कन्नड़ भाषा से लिया गया है, करनटिक के समतल भूमि को मालनद कहा जाता है।
3.102. आनुषांगिक (सहायक) उद्योग से तुम क्या समझते हो?
Answer. सहायक उद्योग (Ancillary Industry): किसी बड़े उद्योग के उत्पादों के निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार के कल-पुर्जे या उसमें लगने वाली अन्य छोटी वस्तुओं का निर्माण और पूर्ति करने वाले उद्योग सहायक उद्योग कहलाते है। ये उद्योग बड़े उद्योगों के सहायक उद्योग के रूप में काम करते हैं। जैसे किसी मोटरगाड़ी उद्योग के पास विभिन्न प्रकार के कल-पूजों, सीटों आदि के उद्योग।
3.103. 'इन्ट्रीपोर्ट' क्या है ?
Ans. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापर के लिए जिस बन्दरगाह को निःशुल्क गोदाम बनाकर रखा जाता है उसे पुनर्निर्यात बन्दरगाह कहा जाता है।
3.104. परत अपरदन क्या है ?
उत्तर : परत अपरदन (Sheet Erosion) :- जब जल, वायु, मिट्टी की ऊपरी परत को बहा कर या उड़ा कर ले जाते हैं तो इसे परत अपरदन कहा जाता है।
|3.105. अवनालिका अपरदन क्या है ?
उत्तर : अवनालिका अपरदन (Gully Erosion):- जब तेज गति से बहता हुआ जल मिट्टी को काट कर गहरी नालियों, खड्डों का निर्माण कर देता है तो इसे अवनालिका अपरदन कहते हैं।
3.106. खादर एवं बांगर में अन्तर लिखिए ।
उत्तर:
3.107. फजेण्डा क्या है?
उत्तर : ब्राजील कहवा का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है । यहाँ कहवा की कृषि बड़े-बड़े बगानों में की जाती है जिन्हें फजेण्डा के नाम से पुकारा जाता है।
13.108. जायद फसल क्या है ?
उत्तर : जायद फसलें वे हैं जो ग्रीष्म या बसन्त ऋतु के शुरू में रोपी जाती है और ग्रीष्म ऋतु के अन्त में ही वर्षा ऋतु के पहले काट ली जाती है । जैसे-खरबूजा-तरबूज, ककड़ी आदि।
13.109. रेशेदार फसल से आप क्या समझते हो?
उत्तर : वे फसलें जिनसे रेशा प्राप्त किया जाता है उन्हें रेशेदार फसल कहा जाता है । जैसे- कपास एवं जूट । कपास को श्वेत-रेशादार तथा जूट को सुनहला रेशेदार फसल कहा जाता है।
13.110. झुमिंग कृषि (स्थानांतरित कृषि ) क्या है ?
उत्तर : स्थानांतरित कृषि को उत्तर-पूर्वी भारत में झुमिंग कृषि कहा जाता है । यह कृषि क्षेत्र दो-तीन वर्षों के बाद बदलता रहता है । इस प्रकार की कृषि में कृषकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानातरण होना पड़ता है । असम, मिजोराम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैण्ड एवं मेघालय में इस प्रकार की कृषि की जाती है।
13.111. खरीफ फसलों से क्या समझते हो ?
उत्तर :खरीफ फसल (Kharif Crops): वे फसलें जो बरसात से पहले अपेल-मई में बोई जाती है तथा नवम्बर दिसम्बर में काट ली जाती है, खरीफ फसल कहलाती हैं। जैसे-ज्वार, बाजरा, धान आदि।
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3.112. नकदी फसलों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर : नकदी फसल (Cash Crops): नकदी फसलों से आशय उन फसलों से है जिनका उत्पादन उपयोग के लिए न होकर विक्रय के लिए होता है । जैसे कॉफी, जूट, गन्ना आदि।
| 3.113. बागानी फसलें क्या है?
उत्तर : बागवानी फसलें (Plantation Crops): बागवानी कृषि से तात्पर्य उस कृषि से है जिसमें बड़े पैमाने पर एक फसली कृषि एक कुशल व्यवस्था एवं पर्याप्त पूंजी के अन्तर्गत होती है । इसमे फसले प्रति वर्ष नहीं रोपी जाती है, जैसे चाय एवं कॉफी की फसलें।
: 3.114. बहुफसलीय कृषि क्या है ?
उत्तर : जहाँ पर वर्षा और सिंचाई की सुविधा है वहाँ पर एक ही खेत में वर्ष में दो फसलें या दो से अधिक फसलें उगायी जाती है, इसे बहुफसलीय कृषि कहते हैं। बहुफसलीय कृषि से फसल-चक्र में सहायता मिलती है जिससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
3.115. हरित क्रांति किसे कहते हैं ?
उत्तर : हरित क्रान्ति (Green Revolution): देश को खाद्यानों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सन् 1966-67 ई० से सरकार द्वारा काफी प्रयास किया गया सिंचाई, अधिक उत्पादन देने वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरक, कृषि के आधुनिक यंत्रों, वैज्ञानिक विधियों तथा कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई । कृषि उत्पादन में हुई इस अचानक वृद्धि को ही हरित क्रान्ति कहते हैं।
3.116. बागानी कृषि क्या है ?
उत्तर : जब लम्बे कृषि क्षेत्रफल पर आधुनिक विज्ञान और मशीनरी का प्रयोग कर एवं उन्नतशील बीज, खाद, दवाओं तथा अत्यधिक पूंजी लगाकर वर्ष में निश्चित कृषि भाग से एक फसल बड़े पैमाने पर उगायी जाती है तो उसे बागानी कृषि कहते हैं। जैसे- चाय, कहवा और रबर की कृषि ।
|3.117. शुष्क कृषि क्या है ?
उत्तर : ऐसे भूभाग जहाँ अल्प वर्षा होती है अथवा सिंचाई की सुविधा नहीं है वहाँ पर असिंचित कृषि की जाती है । ऐसे क्षेत्रों में विशेषकर ज्वार, बाजरा, तीसी, रेंडी, अरहर, जौ, जई, आदि फसलें उगाई जाती हैं। ऐसे क्षेत्रों की खूब जुताई करके मिट्टी को बारीक बना दिया जाता है जिससे अनावश्यक पौधों से जलशोषण एवं वाष्पीकरण न हो।
3.118. सीमित कृषि क्या है ?
उत्तर : सीमित कृषि उसे कहते हैं जिसमें उत्पादन की मात्रा उत्पादकों की आवश्यकता पूर्ति तक सीमित रहती है । इस कृषि में उत्पादित फसलें केवल खाद्यान्न ही हैं । कांगो बेसिन, मध्य एशिया एवं भारत के पहाड़ी क्षेत्रे में इसी तरह की कृषि होती है।
13.119. मिश्रित कृषि किसे कहते हैं ?
उत्तर : प्रायः सर्वत्र कृषि के साथ-साथ पशुपालन किया जाता है । ऐसी कृषि को मिश्रित कृषि कहते हैं। अधिक उत्पादन के लिए एवं उत्पादन में विशिष्टता लाने के लिए इनकी अलग खेती भी की जाती है।
| 3.120. जलयान, रेलवे इंजन और एयर क्राफ्ट बनाने वाले केन्द्रों के नाम बताओ ।
उत्तर : विशाखापत्तनम में जलयान निर्माण, चित्तरंजन में रेल इंजन एवं बंगलोर में हवाई जहाज निर्माण केन्द्र है।
3.121. भारत में जलयान उत्पादन करने वाले केन्द्रों के नाम बताओ।
उत्तर : जलयान निर्माण केन्द्र - विशाखापत्तनम, गार्डेनरीच, मोर्मुगाव, कोचीन ।
3.122. पूर्वी भारत के चार लौह-इस्पात उद्योग के केन्द्रों के नाम बताओ ।
उत्तर : पूर्वी भारत के लौह इस्पात के चार केन्द्र हैं झारखण्ड में जमशेदपुर और बोकारो, पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, हीरापुर, कुल्टी एवं उड़ीसा में राउरकेला।
| 3.123. इंजीनियरिंग उद्योग क्या है ?
उत्तर : इस्पात तथा अन्य धातुओं को कच्चा माल के रूप में व्यवहार कर मशीन, औजार आदि के निर्माण को इंजीनियरिंग उद्योग कहते हैं।
| 3.124. लोकोमोटिव उद्योग से क्या समझते हो?
उत्तर : लोकोमोटिव उद्योग उस उद्योग को कहते हैं जहां पर रेल के इंजनों का निर्माण होता है।
3.125. जनसंख्या का घनत्व (Density of Population) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : जनसंख्या का घनत्व (Density of Population): किसी प्रदेश के इकाई क्षेत्रफल (जैसे प्रति वर्ग किलोमीटर या प्रति वर्ग मील) में रहने वाले मनुष्यों की औसत संख्या को वहाँ की जनसंख्या का घनत्व कहते हैं।
3.125. नगरीकरण (Urbanisation) क्या है?
उत्तर : नगरीकरण एवं नगरों का विकास एक ऐसी शास्वत प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति गाँवों से प्रस्थान कर नगरों में निवास करने लगता है । इस प्रकार ग्रामों से नगरों की ओर जनसंख्या की अभिमुखता ही नगरीकरण है, इसमें व्यक्तियों द्वारा कृषि के स्थान पर गैर-कृषि कार्यों को ग्रहण करने की प्रकृति होती है।
3.126. जनाधिक्य क्या है ?
उत्तर : संसाधन के अनुपात में यदि जनसंख्या अधिक होती है तो उसे जनाधिक्य कहते हैं।
13.127. जन्म दर क्या है ?
उत्तर : जन्म दर : एक हजार व्यक्तियों में एक वर्ष में पैदा हुए जीवित बच्चों की संख्या को जन्मदर कहते |
3.128. मृत्यु दर क्या है ?
उत्तर : एक हजार व्यक्तियों में एक वर्ष में कुल मृत्यु को मृत्यु दर कहते है।
13.129. जल परिवहन के दो लाभ लिखें।
उत्तर : यह परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। (ii) इसके द्वारा बड़े पैमाने पर माल ढोया जाता है।
3.130. आन्तरिक जलमार्ग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : किसी देश के आन्तरिक भाग में स्थित विभिन्न जल स्रोतों अर्थात् नदियों, झीलों या नहरों के माध्यम से विभिन्न साधनों (नाव, स्टीमर आदि) द्वारा सामानों का परिवहन किया जाना आन्तरिक जल मार्ग कहलाता है।
|3.131. सड़क यातायात के दो लाभ लिखें।
उत्तर : (i) सड़क यातायात सर्व सुलभ एवं सुविधाजनक साधन है। (ii) कम दूरी के लिये यह उपयोगी साधन है।
3.132. रेल यातायात के दो लाभ लिखें।
उत्तर : (i) लम्बी दूरी की यात्रा के लिए यह सुविधाजनक साधन है। (ii) इसके द्वारा अधिक यात्री एवं माल की ढुलाई होती है।
[ 3.133. देश में प्रांतीय राजमार्ग की भूमिका क्या है ?
उत्तर : राज्य के भीतर व्यापारिक एवं सवारी यातायात का मुख्य आधार प्रांतीय राजमार्ग है। ये राज्य के सभी कस्बों को राज्य की राजधानी, सभी जिला मुख्यालयों, राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों तथा राष्ट्रीय राजमार्गों से संलग्न क्षेत्रों के साथ जोड़ते हैं। इनके निर्माण एवं देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है ।
13.134. रोप वे का प्रयोग, किस कार्य के लिए होता है?
उत्तर : दुगर्म पर्वतीय अंचलों में अल्पदूरी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए रोप वे का प्रयोग किया जाता है
विभाग-ख
4.40.'भारत की पश्चिम वाहिनी नदियों के मुहाने पर डेल्टा का निर्माण क्यों नहीं होता है?
उत्तर : नदी के मुहाने के पास नदियों का प्रवाह मन्द होना चाहिए तथा सागरीय लहरों का वेग कम होना चाहिए जिससे अवसादों का निक्षेपण आसानी से हो सके। जिन नदियों के मुहानों पर ये दशाएँ उपस्थित नहीं रहती हैं, वहाँ डेल्टा का निर्माण सम्भव नहीं होता। चूँकि भारत की पश्चिम वाहिनी नदियाँ तीव्र गति से प्रवाहित होते हुए अरब सागर में गिरती हैं, मुहाने पर प्रवाह गति तीव्र होने के कारण इनके द्वारा बहाकर लाए गए अवसाद समुद्र में दूर तक फैल जाते हैं, जिससे ये डेल्टा का निर्माण नहीं कर पातीं।
4.41. वेदिकानुमा कृषि एवं स्ट्रिप फार्मिंग में अन्तर बताओ।
उत्तर : वेदिकानुमा कृषि (Terrace farming): पहाड़ी ढालों पर सीढ़ी बनाकर जल की धारा को दूसरी तरफ मोड़ दिया जाता है, जिससे मिट्टी को सुरक्षा मिलती है। ढलानों पर मिट्टी की मेड़ भी बनाई जा सकती है और इस तरह उस स्थान पर वेदिकानुमा कृषि की जाती है।
स्ट्रिप फ्रार्मिंग (Stirp farming): इसके अन्तर्गत पौधों को कतार में रोपा जाता है जिससे वे जल बहाव को रोकते हैं और स्ट्रिप फार्मिंग का कार्य किया जाता है।
4.42. गंगा नदी के अपवाह तंत्र की व्याख्या कीजिए ।
अथवा, गंगा को आदर्श नदी क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : गंगा नदी : गंगा की सहायक नदियों में यमुना, रामगंगा, गोमती, शारदा, सरयू, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोशी और महानंदा उत्तर के पर्वतीय भाग से तथा चंबल, बेतवा, केन, सोन और पुनपुन दक्षिणी पठार से निकलनेवाली नदियाँ हैं । ये नदियाँ गंगा में मिलकर अपना जल पूरब की ओर ले जाती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरा देती है । भारत के पूरे क्षेत्रफल का एकतिहाई भाग गंगा-व्यवस्था के अंतर्गत है । भारत की सभी नदियों में जितना जल बहता है उसका 30 प्रतिशत गंगा और उसकी सहायक नदियों में बहता है। गंगा हिमालय के गंगोत्री हिमनद से निकलती है । यह भारत की सबसे प्रमुख नदी है । भागीरथी और अलकनंदा इसी के नाम हैं (पहाड़ी अंचल मे) । हरिद्वार के पास यह पहाड़ से नीचे उतरती है और अपने नाम से मैदान में (उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में) बहती है । हुगली इसी की एक शाखा है जिसके किनारे कलकत्ता बसा है। गंगा की कुल लंबाई 2,510 किलोमीटर है आर्थिक दृष्टिकोण से इस नदी का महत्व सबसे अधिक है । इस नदी मार्ग के द्वारा जलमार्ग के साथ ही जलविद्युत का भी निर्माण किया है । सिंचाई की सुविधा भी इस नदी द्वारा किया गया है।
4.43. ब्रह्मपुत्र नदी व्यवस्था का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर : ब्रह्मपुत्र-व्यवस्था की नदियाँ : ब्रह्मपुत्र सर्वप्रधान नदी है । यह मानसरोवर झील के समीप से निकलकर उत्तर-पूर्व से भारत में प्रवेश करता है । ब्रह्मपुत्र तिब्बत में साँपो (सापो) नाम से जाना जाता है । नमचा बरुआ शिखर के निकट यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश कर असम घाटी में उतरता है । पश्चिम में बहता हुआ ग्वालपाड़ा के निकट दक्षिण मुड़कर गंगा की धारा (मेघना) में मिल जाता है। इसकी कुल लंबाई 2,703 किलोमीटर है । इसकी सहायक नदियों में तिस्ता, सुबनसिरी (स्वर्णश्री) और लुहित प्रमुख हैं । ब्रह्मपुत्र-व्यवस्था दक्षिण-पश्चिम की ओर प्रवाहित है। इसकी नदियाँ गंगा से मिलकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं ।
4.44. लैटेराइट मिट्टी की विशेषता लिखिए।
उत्तर : लैटेराइट मिट्टी की विशेषताएँ :
1. इस मिट्टी में चूना, फॉसफोरस और पोटाश की मात्रा कम पाई जाती है।
2. शुष्क मौसम में यह मिट्टी सूखकर ईंट की भाँति सख्त हो जाती है तथा गीली होने पर चिपचिपी हो जाती है।
3. इस मिट्टी में लोहा, सिलिका, एल्यूमिनियम की मात्रा अधिक पाई जाती है।
4. यह मिट्टी ऊँचे प्रदेशों में कंकरीली तथा पारगम्य होती है, इस कारण यह पानी को शीघ्र सोख लेती है। अत: इन भागों में यह मिट्टी कृषि योग्य नहीं होती, परंतु निचले भागों में चिकनी मिट्टी मिल जाने से इसमें नमी धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है और कृषि योग्य बन जाती है।
वितरण : यह मिट्टी विशेषकर मध्य प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी घाटों के समीप, कर्नाटक, दक्षिणी महराष्ट्र, केरल, राजमहल की पहाड़ियाँ, उड़ीसा तथा असम के कुछ भागों में पाई जाती है।
| 4.45. उद्यानी कृषि क्या है ?
उत्तर : उद्यानी कृषि (Horticulture): इसके अन्तर्गत फल-फूल और साग-सब्जियों की खेती की जाती है । इस कृषि के विकास में आवागमन के साधनों का विशेष महत्व है । इसे Market Gardening भी कहते हैं। अधिक उत्पादन के लिए सिंचाई एवं अधिक खाद का प्रयोग किया जाता है । उत्पादित वस्तुँओं के आधार पर दो भागों में बाँटा गाया है - (i) साग-सब्जियों की कृषि (Truck farming), (ii) फलों की कृषि (Fruit farming)।
4.46. फसल चक्र से आप क्या समझते हो?
उत्तर : फसल चक्र (अदल-बदल की कृषि) : मिट्टी में विभिन्न प्रकार के तत्व पाये जाते हैं। खास प्रकार के फसलें कुछ खास खनिजों का शोषण करती है । पर फसलों की हेरा-फेरी करके जमीन की उपजाऊ शक्ति को बचाये रखा जा सकता है । इस नई कृषि पद्धति के अन्तर्गत जब वर्ष में अनेक फसलें बोई जाती है तो फसलों को अदल-बलद कर बोया जाता है एक फसली कृषि में जिस भूमि पर एक वर्ष गेहूँ की कृषि होता है, उस पर दूसरे वर्ष दलहन की खेती है
। 4.47. कृषि वानिकी (Agro-forestry) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : कृषि वानिकी, सामाजिक वानिकी का ही एक संशेधित रूप है । इसके अन्तर्गत एक ही समय में किसी भूमि को कृषि, वानिकी एवं पशुपालन के लिए प्रयुक्त किया जाता है । खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा कृषि-वन विकास, कृषि चारागाह-वन विकास पद्धतियों को कृषि वानिकी में सहकारी व्यवस्था के अन्तर्गत उपलब्ध भूमि पर वृक्ष या झाड़ियाँ उगाकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन के लिए लकड़ी, पशुओं के लिए चारा, लघु इमारती लकड़ी आदि की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जाता है।
4.48.भारत में उगाई जानेवाली फसलों का उपयोग के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर : फसलों का वर्गीकरण - उपयोग के आधार पर भारत की कृषि-उपजों (फसलों) को मोटे तौर पर चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
(i) खाद्यान्न (Food-grains or Cereals)- चावल, गेहूँ, ज्वार-बाजरा, मक्का , चना आदि।
(ii) पेय पदार्थ (Beverage Crops) - चाय और कहवा आदि ।
(iii) व्यावसायिक एवं मुद्रादायिनी फसलें (Commercial and Cash Crops) - कपास, जूट, चाय, कहवा, गत्रा, तिलहन आदि । इनका उत्पादन औद्योगिक कार्यों के लिए किया जाता है। औद्योगिक कच्चे माल के रूप में इनका क्रय-विक्रय होता है।
(iv) रेशेदार फसलें (Fibre Crops)- कपास और जूट आदि ।
4.49. हरित क्रांति से तुम क्या समझते हो?
उत्तर : हरित क्रांति (Green Revolution): देश के स्वाधीन होने के समय हमारे देश में कृषि की अवस्था दयनीय थी। हमें प्रतिवर्ष विदेशों से बहुत अधिक मात्रा में खाद्यान्न का आयात करना पड़ता था। अत: देश को खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सन् 1966-67 ई० से सरकार द्वारा काफी प्रयास किया गया सिंचाई, अधिक उत्पादन देने वाले बीजों के प्रयोग, खाद, कृषि के आधुनिक यंत्रों, वैज्ञानिक विधियों तथा कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। मुख्यत: गेहूँ के प्रति एकड़ उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई। पंजाब व हरियाणा राज्यों में इसका प्रभाव विशेष रूप से दिखाई पड़ा। फलस्वरूप हम खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर हुए हैं। कृषि के उत्पादन में हुई इस अचानक वृद्धि को ही हरित क्रांति कहते हैं।
4.50. इंजीनियरिंग उद्योग का क्या अर्थ है ?
उत्तर: इस्पात एवं अन्य धातुओं को कच्चा माल के रूप में व्यवहार कर मशीन एवं औजार आदि के निर्माण को इंजीनियरिंग उद्योग कहते हैं । इंजीनियरिंग उद्योग दो प्रकार के होते हैं
(1) भारी इंजीनियरिंग उद्योग : (a) भारी मशीनरी उद्योग (b) मशीनी औजार उद्योग (c) औद्योगिक मशीनरी उद्योग (d) रेल उद्योग (e) जलयान उद्योग (1) जलपोत उद्योग।
(i) हल्के इंजीनियरिंग उद्योग : (a) साइकिल निर्माण उद्योग (b) टाइपराइटर निर्माण उद्योग (c) सिलाई मशीन निर्माण उद्योग (d) घड़ी निर्माण उद्योग (e) रेडियो, टेलीफोन आदि के निर्माण उद्योग।
4.51. पेट्रोलियम शोधशालओं के निकट ही पेट्रो रसायन उद्योग की स्थापना क्यों होती है ?
उत्तर : पेट्रो शोधन कारखानों के पास पेट्रो रसायन उद्योगों की स्थापना का प्रधान कारण यह है कि पेट्रोलियम को साफ करते समय इससे नेप्था, बेंजीन, ईथेन, विटामिन, प्रोपेन आदि उपजात पदार्थ प्राप्त होते हैं और इन्हीं का उपयोग पेट्रो रसायन उद्योग में कच्चे माल के रूप में होता है।
4.52. दुर्गापुर को भारत का रूर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : दुर्गापुर को भारत का रूर क्षेत्र इसलिए कहा जाता है कि रूर क्षेत्र पश्चिमी जर्मनी का लौह उद्योग का प्रमुख क्षेत्र है जो कोयला क्षेत्र में स्थित है । रूर क्षेत्र के समान ही दुर्गापुर क्षेत्र भी कोयला क्षेत्र के पास है।
(i) रूर क्षेत्र लौह इस्पात का विश्व का प्रमुख केन्द्र है। इसी प्रकार दुर्गापुर भारत का प्रमुख केन्द्र है।
(ii) दोनों क्षेत्रों के पास खनिज लोहे का अभाव है अतः लौह अयस्क आयात करते हैं। रूर फ्रांस के लारेन तथा स्वीडेन को खानों से लोहा आयात करता है । दुर्गापुर के लिए लौह अयस्क उड़ीसा की मयूरभंज की खानों से मंगाया जाता है।
(iii) दोनों क्षेत्रों में उद्योग की स्थापना का श्रेय कोयले की प्राप्ति को है । रूर को वेस्फेलिया की खान से तथा दुर्गापुर को झरिया की खानों से कोयला मिलता है।
(iv) रूर क्षेत्र के समान ही दुर्गापुर में भी नहरें, रेल यातायात तथा सड़क यातायात की सुविधा है । इसलिए दुर्गापुर को भारत का रूर कहते है।
4.53. अहमदाबाद को भारत का मैनचेस्टर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : मैनचेस्टर ग्रेट ब्रिटेन का सूती वस्त्र उद्योग का केन्द्र है। वहाँ पर सूती वस्त्र उद्योग का विकास कच्चे माल की सुविधा के कारण हुआ है । वहाँ की जलवायु नम है तथा कुशल श्रमिक उपलब्ध है और ये सभी सुविधायें अहमदाबाद को भी प्राप्त है, अत: यहां भी सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है । यही कारण है कि अहमदाबाद को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है ।
4.54. 'पेट्रोरसायन उत्पादों की लोकप्रियता के क्या कारण हैं ?
उत्तर : वर्तमान समय में पेट्रोरसायन उद्योग एवं उत्पाद काफी लोकप्रिय हैं तथा इनका प्रचलन काफी बढ़ गया है। इनकी लोकप्रियता के निम्नलिखित कारण है -
(i) ये सस्ते एवं टिकाऊ होते हैं । (ii) राष्ट्रिय आय में इनका योगदान रहता है। (iii) ये लगभग तीन मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। (iv) पेट्रो रसायन उद्योग कृषि से प्राप्त कच्चे मालों के ऊपर नहीं है, अतः जलवायु कारको के कारण इनका उत्पादन प्रभावित नहीं होता है।
4.55. जनघनत्व से क्या समझते हो ?
उत्तर : जनसंख्या घनत्व (Population density): जनसंख्या घनत्व किसी क्षेत्र की सम्पूर्ण जनसंख्या और सम्पूर्ण घनत्व क्षेत्रफल का अनुपात है । जनसंख्या घनत्व को निकालने के के लिए किसी क्षेत्र की सम्पूर्ण जनसंख्या को वहाँ पूरे क्षेत्रफल से भाग दे देते हैं। परिणाम जनसंख्या घनत्व कहलाता है।
जनसंख्या घनत्व=कुल जनसंख्या ÷ कुल भूमि
4.56. भारत में जनाधिक्य से उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करें ।
उत्तर : अत्यधिक जनसंख्या से निम्न समस्यायें बढ़ती है
(1) भोजन, कपड़ा, मकान की समस्या।
(ii) अशिक्षा को बढ़ावा।
(lii) बेरोजगारी में वृद्धि।
(V) खनिजों की कमी (संसाधनों में जनसंख्या के अनुपात में कमी)
(v) लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट ।
(vi) प्रति व्यक्ति आय में कमी।
(vi) लोगों के जीवन स्तर में गिरावट ।
4.57. लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्यों जाते हैं ?
उत्तर : लोग एक जगह से दूसरी जगह निम्न कारणों से पलायित होते हैं -
(i) अच्छे रोजगार और जीवन स्तर में वृद्धि के लिए
(ii) धार्मिक संरक्षण के लिए।
(iii) राजनैतिक सुरक्षा के लिए।
(iv) प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए।
| 4.58. पश्चिम बंगाल घना आबाद क्यों है ?
उत्तर : पश्चिम बंगाल में मिट्टी उपजाऊ है, वर्षा अधिक होती है तथा धान एवं जूट की कृषि होती है । यहाँ अनेक उद्योगों का विकास हुआ है । यहाँ जलवायु भी सम है । यहाँ अनेक खनिज पदार्थ पाये जाते हैं। यातायात की सुविधा, है। कलकत्ता बन्दरगाह की स्थिति के कारण उद्योगों के साथ व्यापार का भी विकास हुआ है । बंगलादेश से आये घुसपैठियों एवं शरणार्थियों ने भी यहाँ की जनसंख्या बढ़ा दी है । 2001 की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल भारत का सबसे घनी जनसंख्या वाला राज्य है । यहाँ जनसंख्या का घनत्व 904 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है ।
4.59. पंजाब एवं हरियाणा में कम वर्षा होती है, फिर भी इनकी जनसंख्या सघन क्यों है ?
उत्तर : पंजाब तथा हरियाणा में वर्षा कम होती है । अत: वहाँ कृषि उपजों के अभाव के कारण जनसंख्या का घनत्व कम होना चाहिए पर ऐसी बात नहीं है । पंजाब में 482 तथा हरियाणा में जनसंख्या का घनत्व 477 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है, जो विरल न होकर घनी जनसंख्या है । पंजाब एवं हरियाणा में वर्षा के अभाव की पूर्ति सिंचाई के साधनों से होती है । पंजाब, हरियाणा में नहरों का जाल बिछा हुआ है । यही कारण है कि ये दोनों प्रान्त गेहूँ कपास, गत्रा आदि का उत्पादन करते हैं । यहाँ प्रति एकड़ उत्पादन भी अधिक है । पंजाब एवं हरियाणा में सरकारी सहयोग से अनेक कुटीर उद्योग भी स्थापित हुए हैं । अत: कृषि की सुविधा, यातायात तथा उद्योगों के विकास के कारण जनसंख्या घनी है।
4.60. दक्षिण के पठार की जनसंख्या औसत क्यों है ?
उत्तर : दक्षिण के पठारी भाग में जनसंख्या औसत है क्योंकि दक्षिण के पठारी भागों में कृषि योग्य भूमि का अभाव है। यहाँ पर जमीन ऊँची-नीची, उबड़-खाबड़ है तथा वर्षा की कमी है । जमीन समतल नहीं है । वर्षा की अनुपस्थिति में सिंचाई का भी विकास कम हुआ है। मिट्टी में उर्वरक तत्वों की कमी है। यातायात के साधनों का विकास भी नहीं हो पाया है । इन कारणों से अधिकतर स्थानों पर जनसंख्या औसत है पर कुछ स्थानों पर सघन जनसंख्या पायी जाती है, जैसे छोटानागपुर का पठार । इस भाग में खनिज पदार्थ की बहुलता है, जलशक्ति का विकास हुआ है । यातायात विकसित है, नये-नये उद्योग-धन्धे खुल रहे हैं । अत: जनसंख्या का घनत्व अपेक्षाकृत अधिक है । लावा का पठार भी घनी जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
4.61. स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग (NH-7) क्या है?
उत्तर : स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग(Golden Quadrilateral Highways): भारत सरकार ने दिल्ली-कोलकता, चेन्नई-मुंबई व दिल्ली को जोड़ने वाली 6 लेन वाली महा राजमार्गों की सड़क परियोजना प्रारम्भ की है। इस परियोजना के तहत दो गलियारे प्रस्तावित है। पहला उत्तर-दक्षिण जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है तथा दूसरा पूर्व-पश्चिमी गलियारा जो सिलचर (असम) तथा पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है। इस महा राजमार्ग का मुख्य उद्देश्य भारत के मेगा सिटी (Mega cities) के मध्य की दूरी व परिवहन समय को न्यूनतम करना है। यह राजमार्ग परियोजना भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में है।
4.62. आधुनिक युग में परिवहन एवं संचार के महत्व को समझाइए।
उत्तर : परिवहन एवं संचार का महत्व (Importance of transport and communication): आधुनिक युग में किसी भी देश के विकास का मुख्य आधार परिवहन एवं संचार ही है। धातुओं एवं सेवाओं को उनके उत्पादन क्षेत्रों से उपयोग क्षेत्रों के मध्य सम्बन्ध स्थापित करके परिवहन सेवाएँ माँग एवं पूर्ति में संतुलन बनाए रखती है। परिवहन एवं संचार तंत्र के बन्द हो जाने की स्थिति में सम्पूर्ण आर्थिक तंत्र एवं विकास परियोजनाएँ रूक जाएगी। अत: देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में परिवहन एवं संचार का वही महत्व है जो मानव शरीर में धमनियों एवं शिराओं का है।
4.63. परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं ?
उत्तर : परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कारक : परिवहन को प्रभावित करने वाले दो मुख्य कारक हैं।
(1) मार्ग: परिवहन सुनिश्चित मार्गों पर होता है। कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों, कच्चे माल, उनके बीच जमीन की बनावट, मार्ग की लम्बाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध विधियों पर मार्ग निर्भर करते हैं।
(ii) मांग : परिवहन के लिए माँग जनसंख्या के आकार पर निर्भर करता है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी अधिक होगी।
4.64. भारत में भू-गर्भ रेल के विकास का वर्णन प्रस्तुत करें।
उत्तर : भू-गर्भ रेल : भारत के बड़े-बड़े नगरों में परिवहन व्यवस्था काफी जटिल हो गई है। सड़क पर भार बढ़ता जा रहा है, ट्रॉफिक एक समस्या हो गई है। लोगों को घण्टों जाम में खड़ा रहना पड़ता हैं। उससे छुटकारा पाने के लिए शहरों में भू-गर्भ रेलों का निर्माण किया जा रहा है। इस दिशा में सबसे पहला प्रयास किया गया भारत में सबसे पहली भू गर्भ रेल कोलकाता में बनाई गई जिसके विस्तार का कार्य आज भी जारी है। इसके अलावा दिल्ली, बंगलेरू आदि शहरों में भी भू-गर्भ रेल का निमार्ण हो गया है जिससे लाखों लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं।
4.65. भारत में रोप-वे परिवहन के विकास एवं वितरण का वर्णन करें।
उत्तर : भारत में रोप-वे का अधिक उपयोग हिमालय के उच्च भागों में चाय उद्योग एवं कोयला खानों में होता है। भारत में करीब 100 रोपवे हैं। विश्व के सबसे लम्बे (30 कि०मी०) रोपवे का निर्माण बिहार के झरिया में 1966 में हुआ। इस रज्जुपथ से दामोदर नदी में होकर कोयला खनन क्षेत्र में 1350 टन बालू ढोया जाता है। 1968 में दार्जिलिंग में एक साथ ही यात्री और माल ढोने के लिए कि०मी० लम्बे एक रोपवे का निर्माण किया गया है। अन्य रोप-वे मार्ग दार्जिलिंग, विजनवाती, कालिम्पोंग हैं। चेरापूँजी और मेघालय के दुर्गम क्षेत्रों में एवं दक्षिण अन्नामलाई पहाड़ पर रोपवे का निर्माण किया गया है। राजगीर एवं मंसूरी में भी पर्यटकों के लिए रोप-वे का निर्माण किया गया है।
4.66. आधुनिक संचार व्यवस्था में इंटरनेट की क्या भूमिका है?
उत्तर : सूचनाओं के एकीकरण से अब दूर संचार धीरे-धीरे कम्प्यूटर का अंग बनता चला जा रहा है। इसकी इंटरनेट के माध्यम से एक समन्वित तंत्र का निर्माण हुआ है। इंटरनेट मेजबान कम्प्यूटरों की आपस में जुड़ी हुई एक प्रणाली है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सूचनाएं एवं आंकड़े उपलब्ध रहते हैं। ये मेजबान कम्प्यूटर आवश्यकतानुसार सूचनाओं का आदान-प्रदान करते रहते हैं। अब इंटरनेट के द्वारा शिक्षा का प्रसार किया जा रहा हैं। इसके माध्यम से यात्रा टिकटों की बुकिंग, सरकारी एवं गैर-सरकारी बिलों का भुगतान, उपभोक्ता समानों की आपूर्ति घर बैठे ही की जा सकती हैं। प्रतिवर्ष लाखों नए ग्राहक इंटरनेट से जुड़ रहे हैं, अत: सूचना संचार के क्षेत्र में इसका महत्व दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा हैं।
4.67. संचार सेवा का क्या महत्व है?
उत्तर : संचार सेवाएँ (Communication Service) : संचार राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में भागीदारी करने में सहायता करता है। संचार सेवाओं में शब्दों, संदेशों, तथ्यों और विचारों का आदान-प्रदान सम्मिलित है। जैसे ही लेखन का आविष्कार हुआ, संदेशों को सुरक्षित किया जाने लगा तथा इन्हें भेजा जाने लगा। इन्हें भेजने के लिए पहले तो परिवहन के साधनों पर ही पूर्णतः निर्भर रहना पड़ता था, किन्तु अब वैज्ञानिक खोजों तथा विभिन्न माध्यमों, यथा-दूरभाष, इन्टरनेट तथा उपग्रह ने संचार सेवाओं के लिए परिवहन की निर्भरता कम कर दी है।
4.68. दूरसंचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर : दूरसंचार (Tele Communication): दूर संचार ने क्रांति उत्पन्न की है। इसके माध्यम से बहुत कम समय में सूचनाएँ भेजी जाती है । अब मोबाइल फोन ने तो दूरस्थ क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया है। तीव्र सामाजिक और आर्थिक विकास में दूरसंचार क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पूरे विश्व में स्वीकार की गई है दूरसंचार क्षेत्र के विकास में निजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। निजी क्षेत्र द्वारा दिये गये वायरलेस, टेलीफोन आदि शहरी क्षेत्रों में ग्राहकों की पंसद हैं।
टेलीग्राफ और टेलीफोन के आविष्कार के तुरन्त बाद ही भारत में दूरसंचार सेवाओं की शुरूआत हो गयी थी। दूरसंचार विभाग की सेवाएँ उपलब्ध कराने सम्बन्धी कार्य को अलग करने तथा सरकारी सेवा प्रदाता सहित सभी सेवा प्रदाताओं को समान अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
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